आयुर्वेद को दुनिया के सामने लाने वाली प्रमुख कंपनी हिमालय ड्रग्स कंपनी, देहरादून के अध्यक्ष डॉ. एस. फारूख भी डॉ. तेजवीर सिंह सैनी की कार्यशैली से प्रभावित थे। सामाजिक सरोकारों और शिक्षा के प्रति संजीदा डॉ. एस. फारूख ने पहली नजर में डॉ. तेजवीर सिंह सैनी के समर्पण को पहचान लिया था। डॉ. तेजवीर सिंह के मन में शिक्षा के प्रति अनुराग को देखकर डॉ. एस. फारूख उनके कायल हो गए थे। डॉ. तेजवीर सिंह सैनी अतिविस्तृत घाड़ क्षेत्र के धनौरी में पाठशाला खोलकर बच्चों को पढ़ा रहे थे, यह देखकर फारूख साहब ने उनकी हौसला अफजाई की। पाठशाला में चारदीवारी और मुख्य द्वार का निर्माण कराया। वर्ष 1995 में हरिओम सरस्वती विद्यालय के प्रवेश द्वार के अनावरण कार्यक्रम में फारूख साहब अपने साथ यूपी के तत्कालीन आई.जी. पुलिस श्री रिजवी साहब को लेकर आए थे। उस मंच में डॉ. एस. फारूख वादा कर गए थे कि इस संस्था कि सहायता हेतु उनके द्वार सदैव खुले हैं और उस वादे का निर्वहन आज तक करते आ रहें हैं।
शिक्षा और समाज के प्रति समपर्ण ने दोनों शख्सियतों को एक वैचारिक मंच पर लाकर खड़ा कर दिया। इसके बाद हरिओम सरस्वती विद्यालय में कोई भी कार्य होता, वह डॉ. एस. फारूख की सहमती के बिना हो नहीं सकता था। हर छोटे बड़े कार्य से पहले डॉ. तेजवीर सैनी जी फारूख साहब से मार्गदशन प्राप्त करते थे। यह परम्परा डॉ. तेजवीर सैनी जी के मूर्त रूप में नहीं रहने के बाद भी कायम है। हरिओम सरस्वती शिक्षण संस्थान डॉ. एस. फारूख का हमेशा ऋणी रहेगा ।
डॉ. एस. फारूख विंटेज कारों और घुड़सवारी का भी शौक रखते हैं। उन्होंने अपने घर के बगल में ही एक अस्तबल बना रखा है। कई राजा महाराजाओं की गैराज की शान बढ़ाने वाली विंटेज कारों का संग्रह भी उनके पास है। इस बेहतरीन संग्रह में लकड़ी के पहियों से चलने वाली बेमिसाल विंटेज कारें भी शामिल है उनके आवास में संग्रहालय और पुस्तकालय भी है। इसमें 67 भाषाओं में लिखी कुरान की प्रतियां संग्रहित हैं। डॉ. फारूख भी एक शिक्षाविद है। उन्होंने हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से पीएच. डी. की उपाधि हासिल की। इसके बाद इंग्लैंड केंब्रिज यूनिवर्सिटी से डी.एससी. की डिग्री ली। उन्होंने बिजनेस मैनेजमेंट में डिप्लोमा भी किया। आप साहित्य में भी अनुराग रखते हैं। डॉ. फारूख ने चार किताबे भी लिखी है। जिसमें 555 मेडिसिनल प्लांट, 101 हर्बल रेमिडीज ऑफ कफ एंड कोल्ड, अलाही ये तेरे मासूम बन्दे और अपने पिता की बायोग्राफी आप बहुत याद आते है, शामिल हैं।